Soch- जिस प्रकार जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, ठीक उसी प्रकार मन को स्वस्थ रखने के लिए धार्मिक विचारों की आवश्यकता होती है। आज मनुष्य मानसिक रोगों का शिकार होते जा रहा है, जिसके कारण चिंतन के बजाय चिंता, प्रेम के स्थान पर नफरत, मैत्री के स्थान पर घृणा बढ़ती जा रही है। आज से ढाई हजार साल पहले के इतिहास पर नजर डालें तो इंसान कितना सुखमय व शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करता था। वृहत्तर भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, इसी सोच और सच्चाई को कायम रखने के लिए गांव-गांव, नगर-नगर, धर्म का माहौल बनाएं रखना ट्रस्ट का मुख्य लक्ष्य है। कभी-कभी लोग बौद्ध का अर्थ संप्रदाय या मजहब से लेते हैं, जबकि बौद्ध का शाब्दिक अर्थ बोधि या स्वतंत्र ज्ञान से होता है, और कुछ लोग धर्म परिवर्तन की भी बात करते हैं, ऐसे लोग अज्ञानी होते हैं धर्म तो नैसर्गिक (प्रकृति) का नियम है, जो पूरे दुनिया में अपना स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखता है , धर्म सार्वभौमिक, सार्वजनीन व सार्वकालिक तथा जन कल्याणकारी है तो इसे कैसे बदला जा सकता है? यदि आप इस जम्बूद्वीप (वर्तमान भारत) में भगवान बुद्ध के कल्याणकारी धर्म का प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं अर्थात बौद्धिक बनना चाहते हैं, तो बौद्ध जन जागरण ट्रस्ट में शामिल होकर राष्ट्र की एकता और अखंडता में अपना सहयोग दें।
Just as food is needed to survive, similarly religious thoughts are needed to keep the mind healthy. Today man is becoming a victim of mental disorder, because of which anxiety instead of contemplation, hatred in place of love, hatred in place of friendship is growing up. If we look at the history of two and a half thousand years ago from today, then what a happy and peaceful life the human spent. Greater India was called the golden bird,to keep maintain this thinking and truth,the main objective of the trust is to maintain the religious atmosphere in village to village, city to city and town to town. Sometimes people take meaning of buddhist as sect or religion, whereas bauddh literally means bodhi or independent knowledge. Such people are ignorant who talks about the religious conversion. Religion is the law of nature(naisargik), which maintain its independent existence in the whole world. Religion is universal,omnipresent,everlasting and public welfare. So how it can be change.If you want to spread the welfare religion of Lord Buddha in this Jambudweep (present-day India) in other words want to become an intellectual, then join the Rastriya Bauddh Jan Jagran Trust and to contribute the unity and integrity of the nation.