Great genius, great thinker, great psychiatrist, great scientist, great human, Tathagata Gautam Buddha was born in 563 BC i.e. 2578 years ago in Lumbini forest under a shawl tree, "in the lap of nature" and attained enlightenment "Bodhi tree" in Bodh Gaya under" and Mahaparinirvana took place "in the lap of nature" under the shawl tree at Kusinara. The great human Lord Buddha had an unbreakable relationship with nature, Tathagata gave way to life from this nature and the whole world benefited from this religion and a link of this is being presented by the National Buddhist Jan Jagran Trust, which has been working for 2500 years. Later in this Jambudwip (present-day India) through Vipassana, Shanti Sadhana, Yoga Sadhana, the purpose of this trust is to make the entire human race healthy and to make the mind pure. In order to keep the human healthy, the National Buddhist Jan Jagran Trust has prepared a plan of "Fit Vihar" at each Nyaya Panchayat level so that the body and mind of every human being can be made healthy. Can you "Take a fit lifestyle, have a healthy life" This body is made up of a combination of four substances like water, soil, heat, air and so on. Huh.
महान प्रतिभावान, महान विचारक, महान मनोचिकित्सक, महान वैज्ञानिक, महा मानव, तथागत गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व यानी 2578 साल पहले लुंबिनी जंगल में शॉल वृक्ष के नीचे, "प्रकृति की गोद में" तथा ज्ञान की प्राप्ति बोधगया में "बोधि वृक्ष के नीचे" और महापरिनिर्वाण कुशीनारा में शॉल वृक्ष के नीचे "प्रकृति की गोद में" हुआ। प्रकृति से महामानव भगवान बुद्ध का बड़ा अटूट सम्बन्ध रहा, इसी प्रकृति से तथागत ने जीवन जीने का मार्ग दिया और इसी धर्म से सम्पूर्ण विश्व लाभान्वित हुआ और इसी की एक कड़ी राष्ट्रीय बौद्ध जन जागरण ट्रस्ट के द्वारा प्रस्तुत की जा रही है जो 2500 वर्षों के बाद इस जम्बूदीप (वर्तमान भारत) में विपश्यना, शांति साधना, योगसाधना, के द्वारा सम्पूर्ण मानवजाति को निरोगी बनाना तथा मन को निर्मल बनाना ही इस ट्रस्ट का उद्देश्य हैं। मानव को स्वस्थ रखने के लिए राष्ट्रीय बौद्ध जन जागरण ट्रस्ट ने प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर "फिट विहार" की योजना तैयार की है ताकि प्रत्येक मनुष्य के तन-मन को स्वस्थ बनाया जा सके। "फिट विहार अपनाये, स्वस्थ जीवन पाइये" यह शरीर चार पदार्थों के मेल से बना है जैसे- जल, मिट्टी, ऊष्मा, हवा और इसी से स्वस्थ रखते हैं।